अयोध्या और फैजाबाद जिन्हें गंगा-जमुनी तहज़ीब
का जुड़वा शहर भी कहते हैं, पिछले आधी सदी के राजनीतिक इतिहास में धुर अंतर्विरोधी मूल्यों का एक
महत्वपूर्ण प्रतीक है। लेकिन अफसोस कि राजनीति और मीडिया ने इस शहर के सिर्फ मानव
विरोधी अन्धकारमय मूल्यों में ही दिलचस्पी दिखाई और ये जुड़वा शहर पूरे देश में भय
और आतंक का पर्याय बन गए। अभी हाल ही में इसी शहर की एक शख्सियत पर केन्द्रित
डाक्यूमेंट्री फिल्म ‘‘राइजिंग फ्रॉम दि ऐशेज’’ इस अंतर्विरोध में समय के दूसरे छोर की कहानी है। कहानी के केंद्र में हैं
मो॰ शरीफ यानी ‘शरीफ चचा’।
यह ब्लॉग 'फैज़ाबाद’ के उन जनमानस को ध्यान में रखकर शुरू किया गया एक प्रयास है जो लिखना तो बहुत कुछ चाहते हैं लेकिन उनके पास इस माध्यम का पर्याप्त ज्ञान नहीं है। अंतरजाल पर इस शहर के बिखरे हुये कई सारे लोगों को एक सूत्र में पिरोकर अपनी बात को एक मंच देने के लिए, जिसके माध्यम से कई सारे लोगों की रचनाओं को एक ही जगह दिखाया जाएगा। आपके अपने नाम से। अगर हमारी यह कोशिश आपको पसंद आए, तो इस ब्लॉग में ज़रूर शामिल हों। आप अपनी रचनाओं को इस मेल पते पर भेज सकते हैं:-hamarafaizabad@gmail.com