रविवार, 9 सितंबर 2012

जुगाड़ हमारे जीवन का अहम हिस्सा क्यों ?

     जुगाड़ हमारे जीवन का अहम हिस्सा है। आप सोच रहे होंगे की ये जुगाड़ हमारे जीवन का अहम हिस्सा कैसे बन सकता है? इसका जबाब आप मुझसे न ले कर खुद से पूछिए तो शायद आपको सही और समुचित जबाब मिल जायेगा परन्तु जुगाड़ शब्द हमारे जीवन को कितना सुख देता है और दूसरे को कितना दुःख ये तो आप ही जाने।
      आखिर हम हर चीज या हर कम को पूरा करने के लिए जुगाड़ क्यों ढूढ़ते है क्या बिना जुगाड़ के हमारा कम नही हो सकता? हो सकता है परन्तु हम बिना जुगाड़ या सोर्स के कोई  काम शान के खिलाफ समझते है। इसी कारण हम छोटे से छोटे कम के लिए जुगाड़ ढूढ़ते फिरते  है। बैंक में पैसे लेने हो या जमा करने हो हम लें में लग्न अपनी तौहीन समझते है और जुगाड़ ढूढ़ते है की कोई परिचित का मिल जाए और हम काउंटर के अन्दर से पैसा जमा करा दे। इसी तरह रेल टिकटबस टिकटगैस सिलेंडर किसी सरकारी कार्यालयगैर सरकारी कार्यालय में लाइन में न लगकर जुगाड़ को अपने कम के प्रति प्राथमिकता देना हमारी इस आदत से उन लोगो को कितनानुकसान पहुंचता है जिन बेचारों के पास न तो कोई जुगाड़ है न ही कोई सोर्स। आप ही सोचो एक व्यक्ति एक गैस सिलेंडर  के लिए चार से पाच  घंटे तक लाइन  में खड़े होकर इंतजार कर सकता है। अपनी बारी आने का और वहीं दूसरी तरफ एक व्यक्ति ऐसा भी होता है। जो बिना किसी लाइन  में लगे तुरंत एक से दो सिलेंडर मिनटों में अपने घर ले जाता है आखिर कैसेआखिर उसका कही न कही जुगाड़ है परन्तु उसने कभी यह सोचा है की चार से पाँच घंटे लाइन में खड़ा होने वाला व्यक्ति भी उसी की तरह एक इन्सान है उसकी भी जरूरत है उसका भी अपना परिवार है पर अगर हम ये सब सोचे तो हम भी लाइन में लगकर अपना कम न कर लें।
      आज दूसरे कई देश हम से ज्यादा तरक्की क्यों कर रहे है। क्योकि वहां कोई छोटा बड़ा नही है वहां सबको एक समान रूप से देखा जाता है और सबका कम भी एक समान रूप से किया जाता है इसी कारण किसी को किसी प्रकार की परेशानी का सामना नही करना पड़ता है हमें अपने देश में भी यह सोच अपने अन्दर पैदा करनी होगी की न कोई बड़ा है न कोई छोटा सभी को एक समान रूप से अपने हर कार्य के लिए पूर्ण अधिकार है तभी हम भी अन्य देशो से बराबरी का मुकाबला कर पाएंगे और हमे या हमारे अन्य भाइयो को अपने किसी भी कार्य के लिए किसी से पीछे नही रहना पड़ेगा

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

इस लेख को पढ़ने के बाद आपके दिल-दिमाग में जो भी बातें आयीं उसे टिप्पणी के रूप में यहाँ जरूर बताएँ।

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...