सोमवार, 28 जनवरी 2013

'इरोटोमैनिया (erotomania)' ही ले जाता है 'मनोसेक्स-विकृति' की ओर



'इरोटोमैनिया (erotomania)' ही ले जाता है 'मनोसेक्स-विकृति' की ओर : मनदर्शन रिपोर्ट

'मनोसेक्स-विकृति' का ही रूप है 'गे', 'लेस्बियन','सटाइरोमैनिया', 'निम्फोमैनिया'| 'मनो-अद्ध्यात्म्विद डॉ. आलोक मनदर्शन'

'इरोटोमैनिया(erotomania)' नामक 'साइकोसेक्सुअल-डिसआर्डर(psychosexual disorder)' या मनोसेक्स विकृति से ग्रसित लोगो के मन में हर वक़्त सेक्स के भावनाए विचार उनके अर्धचेतन मन में चलते रहते है और बार-बार ऐसे कृत्य के लिए उन्हें विवश और बेचैन करते है |


'इरोटोमैनिया' मुख्यतः दो प्रकार के होते है | 'होमोसेक्सुअल-इरोटोमैनिया(homosexual erotomania)'  'हेट्रोसेक्सुअल-इरोटोमैनिया(hetrosexual erotomania)' |


'होमोसेक्सुअल-इरोटोमैनिया' से ग्रसित लोगो में समलिंगी सेक्स सम्बन्ध बनाने की लत होती है |पुरुष होमोसेक्सुअल 'गे'(gay) और महिला होमोसेक्सुअल 'लेस्बियन'(lesbian) कहे जाते है | इस प्रकार पुरुष होमोसेक्सुअल या 'गे' अधिक से अधिक पुरुषो से सेक्स सम्बन्ध बनाने के मादक खिचाव से ग्रसित होता है तथा महिला होमोसेक्सुअल या लेस्बियन अधिक से अधिक महिलाओं से ही सेक्स सम्बन्ध बनाने के लिए आसक्त होती है

इसी प्रकार 'हेट्रोसेक्सुअल-इरोटोमैनिया' से ग्रसित लोग विपरीत लिंग या अपोजिट जेंडर के लोगों से अधिक से अधिक सेक्स सम्बन्ध बनाते रहते है | इससे ग्रसित पुरुष के अधिक से अधिक महिलाओं से सेक्स सम्बन्ध बनाने की लत को'सटाइरोमैनिया'(satyromania) या पालीगैमी(polygamy) तथा इससे ग्रसित महिलाओं में अधिक से अधिक पुरुषों से सेक्स सम्बन्ध बनाने की मनोवृत्ति हावी रहती है, जिसे निम्फोमैनिया(nymphomania) या एंड्रोगैमी(androgamy) कहा जाता है | 

'इरोटोमैनिया' के कुछ अन्य रूप भी देखने को मिलते है, जिसमेजानवरों के साथ सेक्स करने की लत जिसे 'बीस्टोफिलिया'(beastophilia) तथा बच्चो के साथ सेक्स करने की लत जिसे 'पीडोफिलिया'(paedophilia) नाम से संबोधित किया जाता है |

इसके अलावा कुछ लोग विपरीत लिंग अन्तःवस्त्रो(undergarments) से सेक्स आनंद की प्राप्ति करते है जिसे फेटिसिज्म(fetishism) तथा विपरीत लिंग केजननांगो के स्पर्श से सेक्स आनंद की प्राप्ति करने वाले फ्राट्युरिज्म(frotteurism) कहते है | इतना ही नहीं कुछ लोग विपरीत लिंग के अन्तःअंगो को चोरी छिपे देखने की लत से ग्रसित होते है जिसे वायुरिज्म(voyeurism) कहते है तथा विपरीत लिंग के वस्त्रो को धारण करने की लत को ट्रांसवेस्तिज्म(transvestism) कहते है | इतना ही नहीं कुछ लोग मुर्दों के साथ भी सेक्स करने की लत से ग्रसित होते है जिसे निक्रोफिलिया(necrophilia) कहते है |

इस प्रकार इरोटोमैनिया' के इन विभिन्न रूपों से ग्रसित अपनी इस लत से तो तृप्त हो पाते है और चाह कर भी इससे निकल नहीं पाते है तथा छदम शुकून की प्राप्ति की विवशता में ऐसे कृत्य करते जाते है | परन्तु आगे चल कर उनके मन में अपराधबोध, सामाजिक शर्म व् कुंठा बढ़ने लगती है | परन्तु वे अपनी इस लत की विवशतावश इस मनोभावों को सप्रेस या दमित करते रहते है | इस प्रकार उनका मन मानसिक रस्साकस्सी द्वन्द में फंस कर धीरे-धीरे घोर अवसाद की स्थिति में जाता है और अपने मनोद्वंदव हताशा से मुक्ति पाने के लिए उनमे आत्महत्या तक कर लेने की सोच बन जाती है|

भारत
की पहली टेलीफोनिक साइकोथिरेपी सेवा मनदर्शन हेल्पलाइन 09453152200
 से संपर्क में आये बहुत से लोग जो की अब घोर अवसाद की स्थिति में चुके है,अपनी इस लत की गोपनीयता के आधार पर स्वीकारोक्ति की है | इतना ही नहीं, इनमे नशाखोरी तथा पोर्नोग्राफी की लत भी पाई गयी है |

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