शनिवार, 1 दिसंबर 2012

आतंक------------------ यानी फांसी


मुम्बई हमले के आरोपी पाकिस्तानी आतंकी अजमल कसाब को तो हमने फांसी दे दी पर अपने ही देश में रह रहे उन आतंकियों हम कब फांसी देंगे जो आये दिन अपने ही देश में अपना आतंक फैलाते हैं जिसकी वजह से देश के अमन पसंद आम नागरिकों का जीना अपने ही देश में दूभर  होता है.
क्या किसी व्यक्ति द्वारा सिर्फ सामूहिक नरसंहार वह चाहे जिस रूप में हो , ही किया जाना आतंकवाद है ? हाँ ! परन्तु उसके साथ साथ अपने पैसे के बल पर व अपने ताकत के बल पर एक आम आदमी को परेशान करना जिसमे हत्या , लूट , बलात्कार , डकैती , भयभीत करना , आदि अपराध भी किसी आतंक से कम नही है , परन्तु हमारे देश का लचर कानून अपनी वेवजह की लाचारी के चलते ऐसे आतंकियों को फांसी पर लटकाने से पता नही क्यों पीछे हटता है !
आज हमारे देश में ही कितने ऐसे आतंकी है जो खुले आम अपनों को ही अपने साये में जीने को मजबूर कर रहे है , जिसके कारण हमारे देश के नागरिकों में अपने ही घर में असुरक्षा की भावना बढ़ती जा रही है .
हमारे देश की बिभिन्न अदालतों द्वारा आज तक पता नही कितने आतंक फैसले वालों को फंसी की सजा सुनाई जा चुकी है परन्तु फंसी पर आज तक कोई लटकाया नही गया क्योंकि किसी न किसी कारण वश वह बाइज्जत बरी हो गया या फिर उसकी सजा विचाराधीन हो गयी.
मेरे अनुसार विदेशी आतंकी और देशी आतंकी में सिर्फ इतना फर्क है की विदेशी आतंकी लगभग साल - दो साल में एक साथ सैकड़ो बेगुनाहों को मरता है और देशी आतंकी रोज पूरे देश में अलग - अलग जगहों पर सैकड़ों बेगुनाहों को मारता है.
अब आप ही बताइये की दोनों में क्या फर्क है ?
अगर हमें अपने देश में विदेशी आतंकियों को रोकना है तो हमें सबसे पहले अपने देश के आतंकियों ( वो चाहे छोटा आतंक फैलाता हो या बड़ा ) को फांसी पर लटकाना होगा जिससे हमारे कानून  की इस कड़ाई से देश में रहने वाले आतंकियों के साथ - साथ विदेशी आतंकियों को भी एक बार आतंक फैलाने से पहले सौ बार सोंचना पड़े.
इसमें कोई संदेह नही की यह सबसे कठोर दंड है लेकिन इस दंड को बिना देरी के दिया जाना चाहिए अगर इसमें देरी होती है तो इसका जो सख्त सन्देश है वह अपराधी व अपराधी की मानसिकता के लोगों तक नही पहंच पायेगा.
मेरा मानना है की आज अगर हम अपने घर के आतंकियों से अपने घर को सुरक्षित रखने में कामयाब हो जाते है तो विदेशी कसाब जैसों को हमारे घर पर निगाह उठाने से पहले लटकता हुआ फांसी का फंदा जरूर नजर आयेगा जो उनके दिलों दिमाग से हमारे देश का नाम मिटाने पर उनको मजबूर करेगा .

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